Ramadan kya hai – रमजान की पूरी जानकारी

Ramadan kya hai (Ramjan kya hai) – रमजान क्यों मनाया जाता है

रमजान (Ramjan or Ramadan) मुसलमानों के लिए इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है और यह धार्मिक रूप से सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। यह उपवास (रोजा), प्रार्थना और चिंतन का महीना होता है।

इसी महीने अल्लाह ने पैगम्बर मोहम्मद को Complete Quran के दर्शन करवाए थे। इस महीने क़ुरान पढ़ने से किस्मत के बंद दरवाजे खुलते हैं। और जिंदगी में बहुत तरक्की मिलती है। (Ramadan kya hai or Ramjan kya hai),

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Ramadan kya hai - रमजान की पूरी जानकारी
Ramadan kya hai – रमजान की पूरी जानकारी

रमजान में मुसलमान सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक उपवास करते हैं, जिसका मतलब है कि वे दिन के समय खाने-पीने और अन्य शारीरिक आवश्यकताओं से परहेज करते हैं।

उपवास इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक होता है, जो इस्लाम की मौलिक आचरणों को निर्धारित करते हैं।

उपवास के अलावा, मुसलमानों को अतिरिक्त प्रार्थना, कुरान पढ़ना, अधिक प्रार्थनाएं करना, दान देना और दूसरों के प्रति दया और दयालुता जैसे कार्यों में भी लगना चाहिए। (Post: Ramadan kya hai orRamjan kya hai)

रमजान एक आत्मिक पुनर्जीवन, स्व-नियंत्रण और ईश्वर के साथ रिश्ते को मजबूत करने का महीना होता है।

रमजान का अंत ईद-उल-फ़ितर के साथ मनाया जाता है, जो उपवास के समय के अंत का जश्न होता है। मुसलमान अपने परिवार और दोस्तों के साथ खाना खाते हैं, गिफ्ट exchange करते हैं और महीने भर जश्न मनाते हैं।

सामूहिक तौर पर, रमजान न केवल शारीरिक त्याग के बारे में होता है, बल्कि समुदाय के साथ एकता का संवाद बनाए रखने, अपने कर्मों पर विचार करने और एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश करने के बारे में भी होता है।

रमजान कैसे मनाया जाता है

रमजान के पूरे महीने में निम्न 7 चीजें खास तौर पर की जाती हैं:

1. रोजा : रमजान के पूरे महीने में रोजे रखे जाते हैं। मुसलमान लोगों का मानना है कि इससे शरीर और आत्मा पवित्र होती है।

मुस्लिम सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते पीते। मांस, धूम्रपान , सेक्स आदि पर भी पाबन्दी होती है।
माना जाता है कि रोजा रखने से mental strength बढ़ती है, खुद पर control करना आता है, मुसीबत का सामने करने की ताकत मिलती है, और मनुष्य काफी humble बन जाता है। इससे वह अल्लाह का नेक बंदा बन जाता है। (Article- Ramadan kya hai or Ramjan kya hai).

कुछ लोगों को रोजा रखने से छूट भी होती है। जैसे पीरियड्स वाली महिलाएं, बीमार लोग, प्रेग्नेंट लेडीज और breastfeeding करवाने वाली महिलाएं। आदि।

2. सहरी: मुस्लिम रोजे से पहले सहरी नामक भोजन खाते हैं। इसे सूर्योदय से पहले लेना होता है। ऐसा भोजन लिया जाता है जिसमें complex carbohydrates और प्रोटीन हों। ताकि दिन भर energy लेवल बना रहे।

3. इफ्तार: रोजे को सूर्यास्त के समय इफ्तार नामक भोजन से तोड़ा जाता है। मुस्लिम अक्सर खजूर और पानी से उपवास तोड़ते हैं। क्युँकि प्रोफेट मुहम्मद ने भी खजूर खाकर रोजा तोडा था। इसके बाद रात को मुस्लिम अच्छा भोजन करते हैं।

4. तरावीह नमाज: वैसे तो मुस्लिम चार वक़्त की नमाज अदा करते हैं। लेकिन रमजान के महीने में रात में extra नमाज भी की जाती है। जिसे तरावीह नमाज कहते हैं। ये नमाज मस्जिद में अदा की जाती हैं। और रमजान के अंत तक पूरा कुरान पढ़ लिया जाता है।

5. ज़कात: इस्लाम के पांच स्तम्भ हैं (आगे दिए गए हैं )। और जकात उनमें से एक है। मुसलमानों को अल्लाह का आदेश है कि वे अपनी सम्पत्ति का कुछ हिस्सा गरीबों को दान करें। इसलिए बहुत से मुसलमान रमज़ान के दौरान ज़कात देते हैं।

6. लैलातुल कद्र: (Laylat-ul-Qadr ) – इसे Night Of Power के रूप में जाना जाता है। मुसलमानों के लिए यह सबसे पवित्र रात मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस रात ही अल्लाह ने पैगम्बर मुहम्मद के सामने कुरान प्रकट किया था। (Ramadan kya hai orRamjan kya hai – complte information) .

7. ईद उल फितर : रमज़ान के अंत में, मुसलमान ईद उल फितर मनाते हैं। इसे मीठी ईद भी कहते हैं। क्युँकि इसमें बकरे की क़ुरबानी नहीं दी जाती। बल्कि मीठी सेवइयाँ खाई जाती हैं। ईद उल फितर रमजान महीने के अंत का त्योहार होता है। लोग परिवार और दोस्तों के साथ मिलते – जुलते हैं और मौज – मस्ती करते हैं। लजीज व्यंजन और पकवान भी खाये जाते हैं।

इस्लाम के पाँच स्तंभ (Ramadan kya hai or Ramjan kya hai)

इस्लाम के पाँच स्तंभ (pillars) हैं। इन्हे “इस्लाम के पाँच अरकान” के नाम से भी जाना जाता हैं। ये निम्नलिखित हैं:

1) शहादत: इसमें कलमा तय्यबा का पाठ किया जाता है। और इस बात की घोषणा की जाती है कि अल्लाह या ईश्वर केवल एक है और मोहम्मद उसका पैगंबर है।

2) नमाज: मुस्लिम को प्रतिदिन पाँच वक़्त की नमाज़ करना जरुरी है। नमाज के जरिये इंसान खुद को अपने ईश्वर से जोड़ता है और स्वयं को नेक बनाने के लिए कार्य करता है। आगे पाँचों नमाज की भी जानकारी दी गयी है।

3) रोज़ा: रमज़ान महीने के दौरान रोज़े रखने होते हैं। इसमें इंसान खुद पर कण्ट्रोल करना सीखता है। सारा दिन कुछ भी नहीं खाया जाता है। इसके बारे में ऊपर भी बताया गया है (Ramadan kya hai orRamjan kya hai)

4) जकात: इसमें धर्म और समाज के लिए चंदा दिया जाता है। इसे ही जकात कहा जाता है। इससे समाज के दुर्बल तबके की मदद की जाती है।

5) हज्ज: आखिर में हर मुस्लिम को हज्ज की यात्रा करना अनिवार्य है। उन्हें मक्का जाना होता है। यह एक बार जीवन में करना चाहिए। इससे इंसान का ईश्वर के साथ तालमेल मजबूत होता है। और समाज में धार्मिक एकता का संदेश भी जाता है।

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Types of Namaj (Ramadan kya hai )

इस्लाम में पाँच नमाज होती हैं। इनके नाम निम्नलिखित हैं:

1) फज्र नमाज़: यह सूर्योदय से पहले की जाती है।

2) जुहर नमाज़: यह दोपहर से पहले की जाती है।

3) असर नमाज़: शाम के पहले की नमाज़ को कहते हैं।

4) मग़रिब नमाज़: सूर्यास्त के बाद की नमाज़ को मगरिब की नमाज कहते हैं।

5) ईशा नमाज़: रात की पहली नमाज़ को ईशा की नमाज कहते हैं।

नमाज कैसे पढ़ते हैं :

नमाज पढ़ने के लिए निम्नलिखित चार Steps फॉलो किये जाते हैं:

1) वुज़ू: सबसे पहले आपको वुज़ू (अजनबही) करना होता है। इसके लिए हाथ, मुंह, नाक, पेअर आदि को अच्छे से धोना होता है। इसके बाद शरीर को साफ कपड़ों में लपेटा जाता है। और नमाज़ पढ़ने की जगह पर बैठा जाता है।

2) तकबीर: नमाज़ की जगह पहुंच कर सबसे पहले तकबीर करनी होती है। यानी, “अल्लाहु अकबर” बोलना होता है। इससे नमाजी पढ़ने नमाज़ के लिए तैयार हो जाते हैं।

3) नमाज़ : नमाज में कुछ विशेष दुआएं और सूरतें पढ़ी जाती हैं। नमाज की पहली रक’अत में सूरह फातिहा पढ़ी जाती है । जो कुरान की सबसे महत्वपूर्ण सूरत है। इसके बाद तीन बार अयातुल कुर्सी पढ़ी जाती है।

इसके बाद तीन या चार रक’अतों में आगे की सूरतें पढ़ी जाती हैं। आखिरी रक’अत में दुआ पढ़ी जाती है जो नमाज के समाप्त होने की दुआ होती है। (Ramadan kya hai , Ramjan kya hai)

इसके अलावा, सबह की नमाज के बाद दुआ पढ़ी जाती है । मग़रिब और ईशा की नमाज के बाद तसबीह पढ़ी जाती है। तसबीह अल्लाह की स्तुति करने के लिए होती है।

प्रतिदिन फज्र नमाज़, फिर जुहर नमाज़, असर नमाज़, मग़रिब नमाज़ और फिर ईशा की नमाज़ पढ़नी होती है। इन नमाज़ों की पढ़ाई के बारे में इमाम, किताब या मोबाइल ऐप से मदद ले सकते हैं।

4) सलाम : नमाज़ पढ़ने के बाद सलाम फेरने की आवश्यकता होती है। इसके लिए बाईं तरफ से सलाम करना होता है। साथ ही “अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह” दो बार बोलकर सलाम फेरा जाता है।

समाप्त।

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P.S: Thank you for reading article – Ramadan kya hai (Ramjan kya hai) – रमजान क्यों मनाया जाता है .

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