Chanakya Neeti Summary in Hindi – 101 lessons

Chanakya Neeti Summary : चाणक्य (BC 371- BC 283) एक महान दार्शनिक, शिक्षक और अर्थशास्त्री थे। उनका दूसरा नाम कौटिल्य भी था।

उन्होंने भ्रष्ट हो चुके नन्द राजा को हटा कर चन्द्रगुप्त मौर्य को उसके स्थान पर विराजमान कर दिया था।
और इस तरह मौर्य वंश की नींब रखी गयी थी। आगे चलकर इसी वंश में अशोक नाम के महान सम्राट भी पैदा हुए थे। जो राजा बिन्दुसार के बेटे और चन्द्रगुप्त के पोते थे।

चाणक्य ने संस्कृत में दो प्रसिद्ध किताबें लिखी थीं – चाणक्य नीति और कौटिल्य का अर्थशास्त्र।

यहाँ चाणक्य -नीति की हिंदी समरी दी गयी है।

Author : Chanakya (Kautilya)

Chanakya Neeti Summary

दोस्तो, वैसे यह किताब संस्कृत में लिखी गयी है। लेकिन यहाँ इसकी Hindi summary दी जा रही है। और
आसान बनाने के लिए इसे दस भागों में divide कर दिया गया है।

Part 1 – चाणक्य -नीति की हिंदी समरी

1) जिस प्रकार दर्पण आदमी के चेहरे को दिखाता है उसी तरह उसके दोस्त उसकी personality को दिखा देते हैं। इसलिए सोच -समझ कर ही दोस्त बनायें। क्युँकि अगर किसी का दोस्त चोर हो तो लोग उसे भी चोर समझ लेंगे।

2) दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए। क्युँकि आपकी उम्र इतनी लम्बी नहीं है कि आप सारी गलतियां खुद करें और फिर सीखें।

3) एक शक्तिशाली दिमाग को कोई नहीं जीत सकता।

4) सबसे बड़ा गुरु -मंत्र यही है कि – अपना भेद किसी को न बतायें।

5) एक आदमी को बहुत ज्यादा सीधा नहीं होना चाहिए। क्युँकि जंगल में सबसे पहले सीधे पेड़ ही काटे जाते हैं।

6) मनुष्य कर्म से महान होता है न कि जन्म से।

7) अगर सांप जहरीला नहीं भी है तो भी उसे ऐसा नाटक करते रहना चाहिए। नहीं तो लोग उसे पकड़ लेंगे।

8) कोई भी काम करने से पहले तीन प्रश्न पूछें – मैं यह क्यों कर रहा हूँ ? इसका क्या नतीजा होगा ? क्या मुझे इसमें सफलता मिलेगी?

9) जो अपने परिवार से बहुत attachment (मोह) रखता है वह हमेशा डर और दुःख में जीता है। इसलिए मोह का त्याग करें।

10) खुद पर नियंत्रण (self -control ) पाने के लिए हमेशा उदार (humble) रहें।

Part 2 – Chanakya – Niti summary


11 ) शिक्षा आपकी सच्ची दोस्त है। शिक्षित व्यक्ति हर कहीं सम्मान पाता है।

12) एक बार किसी काम को शुरू करें तो फिर उस पर कभी संदेह न करें। उसे बीच में न रोकें। अन्यथा आपके काम अधूरे रहेंगे।

13) अभ्यास के बिना ज्ञान खो जाता है , Commander के बिना सेना खो जाती है और पति के बिना पत्नी भटक जाती है।

14) ईश्वर मंदिर -मस्जिद या मूर्तियों में नहीं रहते हैं। बल्कि वे हमारी भावनाओं और विश्वास (belief) में रहते हैं।

15) नौकर की परख तब करें जब वह छुट्टी पर हो, रिश्तेदार को मुसीबत के समय, दोस्त को बुरे समय में और पत्नी को दुर्भाग्य में परखें।

16) जैसे ही डर आपके नजदीक आये उस पर आत्मविश्वास का हमला करके खत्म कर दें।

17) धन, दोस्त और पत्नी दुबारा मिल सकते हैं लेकिन खोयी हुई health दुबारा नहीं मिल पाती।

18) अपने से नीचे के स्तर के व्यक्ति से कभी दोस्ती न करें। इससे आपको कभी ख़ुशी नहीं मिलेगी।

19) पहले 5 साल तक अपने बच्चे को लाड -प्यार करें, अगले पांच साल तक उसे टोंकें और गलत बातों के लिए डांटें, लेकिन जब वह 16 से ऊपर हो जाये तो उसे अपना दोस्त बना लें।

20) कभी भी बदनामी वाले कर्म न करें। इसके बाद कोई आप पर विश्वास नहीं करेगा।

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Part 3 – Chanakya Niti summary in Hindi


21) शेर से एक चीज हम यह सीख सकते हैं कि जब भी कोई काम करें तो उसे पूरे मन से और पूरी ताकत से करें।

22) जैसे एक सूखा पेड़ आग लगने से सारे जंगल को जला देता है, वैसे ही एक बुरा बेटा सारे परिवार की इज्जत को बर्बाद कर देता है।

23) फूलों की खुशबू हवा की दिशा में ही फैलती है, लेकिन एक अच्छे आदमी के गुण चरों ओर फ़ैल जाते हैं।

24) अगर divinity हासिल करनी है तो बातों में, कर्म में, इन्द्रियों में और दिल में सच्चाई (Truth) लाइए।

25) सांप के दंश में जहर होता है, बिच्छू की पूँछ में जहर होता है लेकिन दुष्ट आदमी तो सिर से पैर तक जहर से भरा होता है।

26) मोह और प्यार दोनों एक नहीं होते। मोह प्यार को भी खत्म कर सकता है।

27) बीते हुए का पछतावा मत कीजिये, भविष्य की चिंता मत कीजिये। समझदार लोग सिर्फ present में जीते हैं।

28) सारी धरती ही सत्य की ताकत पर खड़ी है। सत्य से ही हवा बह रही है और सूर्य चमक रहा है।

29) जब तक कोई काम खत्म न हो जाये उसके बारे में सबको नहीं बताना चाहिए।

30) अगर किसी का ज्ञान सिर्फ किताबों में है और दौलत दूसरे के पास रखी हुई है, तो वक़्त पड़ने पर दोनों ही किसी काम नहीं आयेंगे।

Part 4 – Chanakya Neeti Summary in Hindi

31) संसार की सबसे बड़ी ताकत युवती का यौवन और सुंदरता है।

32) हर दोस्ती के पीछे कोई स्वार्थ भी छुपा होता है।

33) ऐसे आदमी से दूर रहें जो आपके सामने तो मीठा बोलता है लेकिन पीठ पीछे बुराई करता है। वह ऐसे घड़े की तरह है जिसके ऊपर तो दूध है लेकिन नीचे जहर ही जहर है।

34) एक अनपढ़ की जिंदगी कुत्ते की पूँछ की तरह ही बेकार है। न तो वह उसे पीछे से ढक पाती है और मक्खियों से भी नहीं बचा पाती।

35) एक संतुलित दिमाग जितनी कोई ताकत नहीं है, संतुष्टि से बड़ी कोई ख़ुशी नहीं है, ईर्ष्या से बड़ी कोई बीमारी नहीं है और दया से बड़ा कोई सद्गुण नहीं है।

36) जब तक दुश्मन की कमजोरी पता न चल जाये तब तक उसके साथ दोस्ती का बर्ताब करते रहना चाहिए।

37) जो लोग दूसरों की कमियों को सबको बताते फिरते हैं उनका वैसे ही नाश होता है जैसे चींटियों के घर में घुस गए साँप का।

38) Spiritual आदमी को जितनी ख़ुशी और शान्ति का एहसास होता है उतना इधर -उधर भटक रहे लालची आदमी को कभी नहीं हो पाता।

39) अगर हीरे को पैरों में रख दें और शीशे को सिर पर, तो भी दोनों की value उतनी ही रहती है। हीरा हर जगह हीरा ही रहता है।

40) जितना आपका अधिकार बनता है उससे कम कभी न लें। यह अभिमान नहीं बल्कि स्वाभिमान है।

Part 5 – चाणक्य -नीति की हिंदी समरी

41) अपमानित होकर जीने से बेहतर मरना होता है। क्युँकि मौत तो एक बार आती है लेकिन अपमानित रोज मरता है।

42) जो लोग कठोर हैं हमें उनसे भी इज्जत से बात करनी चाहिए। इससे एक दिन उन्हें आपकी अच्छाई का एहसास हो जायेगा।

43) इस धरती पर तीन ही सच्चे रत्न हैं – भोजन, पानी और प्रेम भरे शब्द। केवल मूर्ख ही हीरे -मोती आदि को रत्न मानते हैं। वे सिर्फ पत्थर के टुकड़े हैं।

44) जो हमेसा future के लिए और हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार होता है वही बुद्धिमान है। जो भाग्य भरोसे बैठा रहता है, वह मूर्ख है।

45) अगर आपमें एक भी कला (Skill ) नहीं है तो आप कभी सफल नहीं हो सकते। इसलिए किसी चीज में जरूर expert बनिए।

46) अगर एक साँप और दुष्ट आदमी में दोस्त चुनना हो तो साँप को चुन लेना चाहिए। क्युँकि वह तो एक बार ही काटेगा। लेकिन दुष्ट आदमी तो बार -बार धोखा देगा।

47) काँटों और दुष्ट आदमी से निपटने के दो ही तरीके हैं। या तो उन्हें अपने जूतों तले कुचल दो या हमेशा उनसे दूर रहो।

48) अत्यधिक सुंदरता की वजह से सीता को रावण चुरा कर ले गया , अत्यधिक Ego (घमंड) की वजह से रावण मारा गया, अत्यधिक दान से राजा बलि को परेशानी हुई, इसलिए किसी भी चीज की अति बुरी होती है।

49) आलसी आदमी का न तो वर्तमान अच्छा होता है न भविष्य।

50) आप एक लालची आदमी को पैसे देकर जीत सकते हो, अहंकारी को सम्मान देकर जीत सकते हो,
मूर्ख को सहमति से जीत सकते हो लेकिन एक विद्वान को केवल सच्चे तर्क से ही जीत सकते हो।

Part 6 – Chanakya Niti summary in Hindi


51) मनुष्य अकेला ही पैदा होता है और अकेला ही यहाँ से चला जाता है। केवल उसके कर्म ही उसके साथ जाते हैं। और उनके अनुसार ही उसे स्वर्ग और नरक मिलते हैं।

52) हमारी मानसिकता पर ही निर्भर होता है कि हम गुलाम बनेंगे या स्वतंत्र।

53) एक गुणवान बेटा सौ मूर्ख बेटों से अच्छा होता है। क्युँकि अकेला चाँद ही चांदनी दे देता है जबकि सारे सितारे मिलकर भी ऐसा नहीं कर पाते।

54) जब तक आप स्वस्थ हैं, अपनी आत्मा को पवित्र कर लीजिये। क्युँकि मौत के नजदीक आप ऐसा नहीं कर पाएंगे।

55) बुद्धिमान को बगुले की तरह धैर्य रखना चाहिए और समय आने पर ही अपना दाँव चलना चाहिए।

56) ऐसे देश में कभी मत रहिये जहाँ आपकी न इज्जत है , न आप जीविका हासिल कर सकते हैं। न आपके दोस्त हैं, और जहाँ आप नया ज्ञान भी हासिल नहीं कर सकते।

57) जो ऐसे आदमी को दोस्त बनाता है जो स्वभाव से कृतघ्न है, जिसका सोच हमेशा संकीर्ण है, जो दूसरों के लिए नफरत भरी बातें ही करता है, तो उसका पतन निश्चित है।

58) जो आदमी Goal ही नहीं बनाता, वह सफलता कैसे हासिल करेगा।

59) चोरी से कमाई गयी दौलत हमेशा खो जाती है।

60) सच्चा पुत्र आज्ञाकारी होता है, सच्चा पिता हितैषी होता है और सच्चा दोस्त ईमानदार होता है।

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By Robin Sharma

Part 7 – Chanakya Neeti Summary


61) जो गुरु हमें सफल होने का रास्ता दिखाते हैं उनका ऋण हम कभी चुका नहीं सकते। केवल उनका सम्मान कर सकते हैं।

62) जिसके दिल में सब प्राणियों के लिए दया और प्रेम है वही वास्तव में धार्मिक है। धार्मिक होने के लिए आपको पूजा – पाठ, और कर्म – काण्ड करने की जरुरत नहीं होती।

63) जो भी आपकी बीमारी में, दुर्भाग्य में, बुरे वक़्त में और विपत्ति में सहायता करता है, वह दोस्त आपका असली भाई होता है।

64) धन -दौलत और यौवन चले जाते हैं। शरीर और आत्मा भी चले जाते हैं। लेकिन आपके साथ जो हमेशा रहता है वह है आपका – विश्वास।

65) बुरी आदतें सुख की चाहत से लगती हैं और अच्छी आदतें self – control के कारण।

66) पाप से कमाई दौलत बेशक दस साल तक रहे लेकिन ग्यारहवें साल में वह पूरी तरह से विलुप्त हो जाएगी। ऐसी दौलत उस आदमी को बिमारियों से भी भर देती है। क्युँकि उसकी आत्मा हमेशा पछतावे से तड़प रही होती है।

67) सुन्दर बनना है तो अच्छा चरित्र बनाइये, ऊँचा बनना है तो अच्छा बर्ताव कीजिये और धनवान बनना है तो सोच – समझ कर खर्च कीजिये।

68) मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें वैसी ही हैं जैसे अंधे के लिए दर्पण।

69) जो Future की मुसीबतों को पहले ही देख लेता है और उनके लिए उचित तैयारी कर लेता है, ऐसा व्यक्ति ही सुखी रहता है। जो भाग्य भरोसे रहकर न कुछ सोचता है न कुछ करता है, वह दुःख पाता है।

70) दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है।

Part 8 – चाणक्य -नीति की हिंदी समरी

71) अगर आपको उद्देश्य मिल जाये तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। एक समझदार के लिए कोई देश दूर नहीं है। वह जहाँ जाता है उसे अपना घर बना लेता है।

72) अपनी दौलत केवल उसे दीजिये जो योग्य हो। समुद्र का पानी जब बादल को मिलता है तो वह मीठा हो जाता है।

73) किसी के भविष्य को उसके वर्तमान से judge मत करिये । क्युँकि कोयला आगे चलकर हीरा भी बन सकता है।

74) Skills (कौशल) परदेश में भी आपकी माँ की तरह रक्षा करती हैं।

75) वासना से बड़ी कोई बीमारी नहीं है। यह दीमक की तरह आपके शरीर को खा जाती है।

76) अगर किसी से कोई favor चाहिए तो उसकी तारीफ ही कीजिये। जैसे शिकारी हिरन को दाना डालकर ललचा लेता है।

77) अच्छी पत्नी वह है जो सुबह माँ की तरह देखभाल करे, दोपहर को बहन की तरह प्यार करे और रात को कामिनी की तरह सम्बन्ध बनाये।

78) जो हमारे दिल में रहता है वह दूर रहकर भी दूर नहीं होता।

79) मूर्ख को सलाह देना, बुरे चरित्र वाली औरत की प्रशंशा करना, और निराशावादी आदमी की संगत में रहना बेवकूफी है।

80) ऐसी जगह नहीं रहना चाहिए जहाँ लोग कानून का पालन न करते हों, बेशर्म हों, कलाकार का सम्मान न करते हों और जहाँ कोई विद्वान भी न हो।

Part 9 – Chanakya Niti summary

81) समझदार व्यक्ति अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाता है और उनकी गलतियों के लिए टोकता है। ऐसे बच्चे अच्छे नागरिक बनते हैं और सम्मान पाते हैं।

82) आप आदमी के बर्ताव से बता सकते हैं कि उसकी परवरिश कैसे माहौल में हुई होगी। और उसके पेट से बता सकते हो कि वह कितना खाता होगा।

83) फूलों से लदा एक पेड़ सारे जंगल को महका देता है, वैसे ही एक गुणवान बेटा सारे नगर को लाभ पहुँचा सकता है।

84) ज्ञान , कामधेनु गाय की तरह हमेशा लाभ देता है। यह ऐसा बृक्ष है जिस पर हमेशा फल लगे रहते हैं।

85) कभी भी अतिथि बनकर ज्यादा दिन तक किसी के घर पर न रहें। आपका सम्मान जाता रहेगा।

86) आपके आस -पास कीचड़ होने पर भी आप कमल की तरह निर्मल रह सकते हैं। इसके लिए सिर्फ दूसरों की मदद करने की सोचें न कि प्रतिशोध के बारे में।

87) विकत परिस्थितियाँ जीवन का हिस्सा हैं। उन्हें देखकर परेशान न हों बल्कि उन्हें सुलझाने के लिए पहला कदम लें। और ऐसा हर दिन करते रहें।

88) आपकी qualities आपकी कमजोरी को ढक लेती हैं। इसलिए कुछ valuable skills सीखें या बर्ताब को अच्छा बनायें।

89) राजा को राजऋषि की तरह रहना चाहिए। अर्थात राजा भी और ऋषि भी। राजा बनकर उसे लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए और ऋषि बनकर धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।

90) न्यायोचित बात से हम अपने शत्रु की सोच भी बदल सकते हैं।

Part 10 – Chanakya Neeti Summary

91) कभी भी ऋण न लें। यह एक दुश्मन की तरह है और यह आपके दोस्तों को भी दूर कर देता है।

92) अपने आस -पास के लोगों को बदलने की कोशिश न करें। बल्कि एक example स्थापित करके उन्हें प्रेरित करें।

93) पेड़ की तरह बसंत में फूल खिलाएँ लेकिन बरसात में दुखी न हो जायें। बल्कि धैर्य रखकर मनन -चिंतन करें।

94) हमेसा expert का सम्मान करें और उनसे कुछ नया सीखें।

95) उपलब्धि पाने और जीत हासिल करने पर भी उन्मादित न हों बल्कि धरती की तरह शाँत रहें।

96) जिस तरह जीभ के छोर पर रखकर शहद या बिष को taste नहीं किया जा सकता, उसी तरह ईमानदार और बेईमान लोगों को पहली नजर में नहीं परखा जा सकता ।

97) आकाश में उड़ रहे पक्षियों के मार्ग की दिशा का तो फिर भी अनुमान लगाया जा सकता है , लेकिन धूर्त कर्मचारियों की चाल का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए सबसे सावधान रहे।

98) कोई भी लक्ष्य हो, उसके बारे में तब तक किसी को न बताएँ जब तक आप उसे हासिल न कर सकें। क्युँकि अधिकतर लोग ईर्ष्यावश चाहेंगे कि आप उसे प्राप्त न कर सकें।

99) हर मनुष्य आजाद घोड़े की तरह है। जो वन में कहीं भी विचरण कर सकता है। उसी तरह मनुष्य के दिमाग का भी पता नहीं चलता कि कब क्या कर दे। इसलिए उसे हमेशा काबू में रखें।

100) साँप जैसा दोस्त बनाने से शेर जैसा शत्रु बनाना बेहतर है।

101) अगर पर्वत को रास्ते से हटाना है तो उसके पत्थरों को हटाना शुरू कर दें। रोज बेशक एक पत्थर ही हटाएँ। ऐसे एक दिन आप पर्वत को भी हटा देंगे।

समाप्त।

दोस्तो, उम्मीद है कि आपको Chanakya Neeti Summary अच्छी लगी होगी। इस किताब की कुछ बातें controversial भी रही हैं। इसलिए अपनी बुद्धि और विवेक से अच्छे -बुरे के भेद को समझें। Thank You.

पूरी किताब पढ़ने के लिए आप इसे online मँगवा सकते हैं। इसके लिए यहाँ CLICK करें।

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